चंद्र ग्रहण 2025 (lunar eclipse) : ब्लड मून क्यों कहा जाता है

तो आखिर चंद्र ग्रहण 2025 बहुत चर्चा का विषय बन गया है, क्या आप जानते हैं, कि

चंद्र ग्रहण क्या होता है?

ये वो खगोलीय स्थिति है जब चंद्रमा पृथ्वी के पीछे उसकी प्रछाया में आ जाता है। ऐसा तब होता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के ठीक बीच में होती है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है, जिससे वह मंद पड़ जाता है ।

खबरों के अनुसार सितंबर 2025 में लगने वाला यह सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण है ।

ब्लड मून 2025 (blood moon) क्या है?

जब चंद्रमा का रंग लाल दिखता है तब उसे ब्लड मून कहते है ।

पूर्ण चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा अक्सर लाल या ताम्रवर्णी दिखाई देता है। इसे “ब्लड मून” कहा जाता है। इसका कारण पृथ्वी का वायुमंडल है, जो सूर्य की लाल किरणों को मोड़कर चंद्रमा तक पहुँचाता है।

                          चंद्र ग्रहण 2025

भारत में चंद्र ग्रहण का इतिहास: भारत में चंद्र ग्रहण का उल्लेख वेदों पुराणों और महाकाव्यों में मिलता है ।

    • ऋग्वेद और अर्थर्वेद में चंद्र ग्रहण के संदर्भ आते हैं ।

    • पुराणों में इसका कारण राहु केतु को बताया गया है, मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय राहु ने अमृत पिया था, और विष्णु ने उसका सिर काट दिया था ।

    • उसी के बाद राहु और केतु ग्रहों के रूप में स्थापित हुए और वे सूर्य तथा चंद्रमा को समय- समय पर गर्सते हैं ।

चंद्रग्रहण तीन प्रकार का होता है:

1. उपछाया (Penumbral Eclipse)

2. आंशिक (Partial Eclipse)

3. पूर्ण (Total Eclipse)

आज आनी 7-8 सितंबर की रात चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2025) लगने जा रहा है.

आज लग रहे चंद्र ग्रहण को संसार के कुछ हिस्सों से देखा जा सकता है. इन हिस्सों में यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका का पश्चिमी हिस्सा, साउथ अमेरिका का पूर्वी हिस्सा, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, अंटार्कटिका और हिंद महासागर शामिल हैं.

FAQ

Q. आज का चंद्र ग्रहण कितने बजे से है 2025 में?

A. ग्रहण की शुरुआत, आज रात 09 बजकर 58 मिनट पर होगी और ग्रहण की समाप्ति 08 सितंबर को रात 01 बजकर 26 मिनट पर होगी।

Q. चंद्र ग्रहण टाइमिंग क्या है?

A. रात 11:00 बजे से रात 12:22 बजे तक ,

Q. भारत में आज के चंद्र ग्रहण का समय कितना है?

A. रात्रि 11.01

Q. चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण कैसे लगता है?

A. सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा की तुलना में थोड़ी झुकी हुई है। यदि पूर्णिमा के समय चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं, तो चंद्र ग्रहण होता है।

Q. चंद्र ग्रहण का क्या मतलब है?

A. जब पृथ्वी सीधे सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो उसकी सबसे गहरी छाया जिसे अम्ब्रा (Umbra) कहते हैं, चांद की सतह पर पड़ती है

 

           चंद्र ग्रहण 2025

Q. चंद्र ग्रह के देवता कौन हैं?

A. चंद्र ग्रह के हिंदू देवता सोम (या चंद्रदेव) हैं,

Q. चाँद किसका पुत्र है

A. पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा महर्षि अत्रि और देवी अनुसूया के पुत्र

Q. सूतक काल क्या है?

A. सूतक काल वह समय होता है जिसे अशुभ कहा जाता है. ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है और माना जाता है कि इस समयावधि में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है.उस जगह लगता है जहां से ग्रहण नजर आता है. इस चंद्र ग्रहण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top