गर्मी की छुट्टियाँ – लैंसडाउन की यात्रा
Essay on summer vacation in hindi

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गर्मी की छुट्टियां essay on Summer vacation in hindi -गर्मी की छुट्टियाँ वर्ष का वह विशेष समय होता है जब छात्रों को पढ़ाई और दिनचर्या से थोड़ी राहत मिलती है। यह समय न केवल मनोरंजन का होता है, बल्कि आत्मनिरीक्षण, रचनात्मकता और अपने प्रियजनों के साथ यादगार पल बिताने का अवसर भी देता है। इस वर्ष की छुट्टियाँ मेरे लिए और भी खास थीं, क्योंकि मैंने उन स्थानों की यात्रा की जहाँ मेरे बचपन की अनेक स्मृतियाँ जुड़ी हुई हैं—लैंसडाउन, जहाँ मैंने अपने जीवन के प्रारंभिक वर्ष बिताए और स्कूल की पढ़ाई की।

अतीत से वर्तमान की यात्रा: लैंसडाउन का आमंत्रण

जैसे ही गर्मी की छुट्टियाँ शुरू हुईं, मन ने एक विशेष जगह पर जाने की इच्छा जताई—लैंसडाउन, उत्तराखंड की पहाड़ियों में बसा एक शांत, स्वच्छ और मनोहारी स्थल। यह वह स्थान था जहाँ मैंने अपना बचपन बिताया था, और वहीं मेरा पहला स्कूल भी था। वर्षों बाद उसी भूमि को दोबारा देखने का अवसर मिला, तो मैं बेहद उत्साहित थी।

मेरे माता-पिता ने इस विचार को सहर्ष स्वीकार किया और हम कार से लैंसडाउन के लिए रवाना हुए। रास्ते भर पहाड़ों की हरियाली, ठंडी हवा और लहराते पेड़ों ने मन को सुकून दिया। जैसे-जैसे हम मंज़िल के करीब पहुँच रहे थे, बचपन की यादें और भी स्पष्ट होती जा रही थीं।

बचपन की किताबों के पन्ने: मेरा स्कूल

लैंसडाउन पहुँचकर सबसे पहले मैंने अपने पुराने स्कूल जाने का निश्चय किया। वह स्थान मेरे लिए केवल ईंट-पत्थर की एक इमारत नहीं था, बल्कि यादों की एक जीवंत पुस्तक थी। जैसे ही मैं स्कूल पहुँची, मेरी आँखें भर आईं। वह वही प्रांगण था जहाँ मैंने अक्षर ज्ञान सीखा था, जहाँ पहली बार दोस्तों के साथ हँसी-ठिठोली की थी, और जहाँ मेरी मासूमियत ने आकार लिया था।

स्कूल अब थोड़ा बदल चुका था—नई रंगाई-पुताई हुई थी, बेंचें आधुनिक हो चुकी थीं, लेकिन उस स्थान की आत्मा वही थी। वहाँ के एक शिक्षक ने मुझे पहचाना और गर्मजोशी से स्वागत किया। मैंने कक्षा में जाकर बच्चों के साथ कुछ समय बिताया और अपनी बचपन की सीट को फिर से छूकर देखा। वह क्षण मेरे जीवन का एक अमूल्य उपहार बन गया।

लैंसडाउन की सैर: प्रकृति की गोद में

इसके बाद हमने लैंसडाउन के प्रमुख दर्शनीय स्थलों की सैर की। टिप-इन-टॉप नामक स्थान से पूरे पहाड़ों का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। वहाँ से सूर्यास्त देखना एक स्वप्निल अनुभव था। हमने भुल्ला ताल में नौका विहार भी किया, जहाँ शांत जल में पहाड़ों की परछाईं दिख रही थी।

इसके अलावा हमने सेंट मैरी चर्च, वार मेमोरियल, और स्थानीय बाजार में भी भ्रमण किया। बाजार में हाथ से बनी लकड़ी की वस्तुएँ और ऊनी कपड़े बेहद सुंदर थे। मैंने अपने लिए एक पहाड़ी टोपी और एक हस्तशिल्प की डायरियाँ खरीदीं, जो मेरी इस यात्रा की यादें संजो कर रखेंगी।

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भोजन और पहाड़ी स्वाद:

लैंसडाउन में स्थानीय पहाड़ी व्यंजन जैसे भट्ट की चूड़कानी, आलू के गुटके, और झोली का स्वाद भी लिया। इन व्यंजनों की सादगी में जो स्वाद था, वह बड़े-बड़े होटलों में नहीं मिलता। गर्मी के मौसम में भी वहाँ का वातावरण ठंडा और ताजगी से भरपूर था। यह सब मेरे शहर के शोर-गुल से बिल्कुल अलग था।

समय का सदुपयोग:

इस यात्रा से लौटकर मैंने शेष छुट्टियाँ रचनात्मक और ज्ञानवर्धक कार्यों में बिताईं। प्रतिदिन सुबह योग और प्राणायाम करना मेरी दिनचर्या में शामिल हो गया। साथ ही मैंने डायरी लेखन को जारी रखा, जिसमें मैंने लैंसडाउन यात्रा के अनुभव, अपने स्कूल की पुरानी यादें, और अपनी भावनाएँ दर्ज कीं।

इसके अतिरिक्त मैंने ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से फोटोग्राफी के कुछ मूलभूत ज्ञान प्राप्त किए, जिससे मेरी यात्रा की तस्वीरें और बेहतर हो सकें। कुछ दोस्तों को प्रेरित कर हमने मिलकर एक “ग्रीन बालकनी प्रोजेक्ट” भी शुरू किया, जिसमें हमने पौधों को सजाया और घर को हरा-भरा बनाया।

पारिवारिक समय और सहयोग:

गर्मी की छुट्टियाँ परिवार के साथ समय बिताने का भी आदर्श समय होता है। इस दौरान मैंने माँ से कुछ पारंपरिक पकवान जैसे पूड़ी-आलू, हलवा, और आमरस बनाना सीखा। पापा के साथ बैठकर हमने कई पुराने एल्बम देखे और मेरे बचपन की कुछ तस्वीरें खोजीं, जिनमें से कई लैंसडाउन की ही थीं।

गर्मी की छुट्टियाँ हर किसी के जीवन में विशेष महत्व रखती हैं। इनका सदुपयोग करके हम न केवल नई ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में स्थायी और सकारात्मक परिवर्तन भी ला सकते हैं। मेरी लैंसडाउन यात्रा और अपने स्कूल की पुनः मुलाक़ात इस बार की छुट्टियों को स्मृति-पटल पर अमिट बना गई। यह अनुभव हमेशा मेरे साथ रहेगा, प्रेरणा बनकर।

           गर्मी की छुट्टियाँ, यादों की मिठास!”

 

 

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